Dwarka Temple Tourist Places In Hindi

Dwarka Tourist Places In Hindi ( द्वारका में घूमने की जानकारी और द्वारका के खूबसूरत स्थान हिंदी में ) :- द्वारका नगरी द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण की राजधानी हुआ करती थी। गोमती नदी के तट पर ओखा प्रायद्वीप के पश्चिमी सिरे पर अरब सागर के समीप श्री कृष्ण द्वारा बसाई गई है। द्वारका नगरी हिंदू चार धाम यात्रा का प्रमुख स्थान है। द्वारिका सप्त पुरी मैं से एक है इसीलिए द्वारिका का नाम देवभूमि द्वारका रखा गया है। द्वारका यानी के मोक्ष का द्वार....

द्वारका जगत मंदिर बहुत अद्भुत और अत्यंत खूबसूरत है। द्वारका मंदिर अपनी खूबसूरती और अद्भुत नक्काशी की वजह से 12 मार्च 2021, मैं USA की वर्ल्ड टैलेंट ऑर्गेनाइजेशन ने द्वारका जगत मंदिर को ( World Amazing Place ) विश्व का सबसे अद्भुत स्थल का ( certificate )प्रमाण पत्र मिला है।

Dwarkadhis mandir Dwarika
Dwarkadhish mandir 






गोमती नदी और अरब सागर के संगम पर बसा है विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्री कृष्ण की द्वारिका नगरी और भगवान श्री कृष्ण द्वारिकाधीश का भव्य मंदिर है। द्वारिका एक प्राचीन ऐतिहासिक नगर और हिंदू आस्था का केंद्र है। 

जरासंध ने मथुरा पर 18 बार आक्रमण  किया था। मथुरा नगरी पर बार-बार जरासंध के आक्रमण से तंग आकर भगवान श्री कृष्णा परिवार और प्रजा को लेकर सौराष्ट्र की भूमि पर आ गए थे। मथुरा नगरी के पतन के बाद भगवान श्री कृष्ण अपने यदुवंशियों की अस्थियां (सौराष्ट्र) त्रिवेणी संगम मैं अर्पित की ओर द्वारिका नगरी पर अंत तक राज किया था। 

भावनगर के पालीताणा मैं से मिली छठी सदी की कॉपर प्लेट के अनुसार इस अति प्राचीन नगर ने अलग-अलग काल के दौरान अलग-अलग शासको का साक्षी रहा है। जिसमें गुप्त वंश से लेकर राजपूत, मराठा, मुगल, अंग्रेजो तक का सफर शामिल है। जन्माष्टमी के दिन द्वारका में बहुत बड़ा भव्य महोत्सव का आयोजन होता है जिसमें देश विदेश से लाखों की संख्या में पर्यटन और श्रद्धालु भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन पर द्वारका दर्शन के लिए आते हैं। पुरी द्वारका को रंगों और लाइटों से सजाया जाता है।

जो द्वारका भगवान श्री कृष्ण ने बसाई थी वाह गांधारी के श्राप से पानी में विलीन हो गई थी।

• द्वारकाधीश मंदिर - Dwarkadhish Temple In Hindi 

द्वारका का प्रमुख मंदिर द्वारकाधीश मंदिर इस मंदिर को जगत मंदिर, रणछोड़राय मंदिर, भी कहा जाता है। यह मंदिर काफी अद्भुत और सुंदर है जो हर किसी का मन मोह लेता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार द्वारकाधीश मंदिर का निर्माण भगवान श्री कृष्ण के पर पोते वज्रनाभ ने करवाया था। 

ग्रेनाइट और सेंडस्टोन के पत्थर से बनाए यह पुरा मंदिर नागरा वास्तुकला का बेजोड़ उदाहरण है। मंदिर की दीवारें और स्तंभों पर बारीकी से देवी देवताओं और पशु पक्षी की कलाकृति विभिन्न प्रकार की आकृति, डिजाइनिंग कलात्मक रचना 16 मी शताब्दी में करवाई गई है। द्वारकाधीश मंदिर में कुल 7 मंजिल है जो 60 से अधिक स्तंभों के आधार पर खड़ा है। इस मंदिर का शिखर लगभग 38 मीटर ऊंचा है। इस शिखर के ऊपर रंग बिरंगी 52 गज की घजा लहराती है। इस धजा (ध्वज) में सूर्य और चंद्र बनाए हुए हैं 

यह ध्वज 10 किलोमीटर दूर से भी देखी जा सकती है ।मंदिर के गर्भगृह में चांदी के सिंहासन पर भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति श्यामवडी रंग की सवा 2 मीटर (2:15) मीटर चतुर्भुज रूप में विराजमान है। यहां पर भगवान श्री कृष्ण को रणछोड़राय के नाम से भी पुकारा जाता है। इस मंदिर के मुख्य दो मार्ग हैं स्वर्गद्वार और मोक्ष द्वार 

मंदिर का समय:- मंदिर के कबाट(दरवाजे) सुबह 7:00 बजे से रात्रि  9:30 बजे तक खुले रहते हैं। लेकिन दोपहर 12:30 बजे से शाम के 5:00 बजे तक इसके कबाट बंद रहता है।

Dwarka temple tourist places
Dwarka temple 

• बेट द्वारका आकर्षित और धार्मिक पर्यटन स्थल - Bet Dwarka Tourist Places In Hindi 

बेट द्वारका द्वारिका नगरी से तकरीबन 33 किलोमीटर की दूरी पर अरब सागर में शंख आकार का 35 किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला चारों ओर समुद्र से घिरा एक बेट (टापू) है। बेट द्वारिका अत्यंत खूबसूरती की वजह से पुराणों में इसे रमणीय द्वीप और कंचन नगर के नाम से जाना चाहता था। 

यहां पर फेरीबोट द्वारा जल मार्ग से पहुंचने का एकमात्र जरिया है। भगवान श्री कृष्ण  राज तो द्वारिका में करते थे  लेकिन बेट द्वारका में भगवान श्री कृष्ण उनका परिवार और अष्ट पटरानी सहित बेट द्वारिका मैं रहते थे। इसीलिए बेट द्वारका को हिंदू धर्म में एक पवित्र स्थान के रूप में पूजा जाता है। 

बेट द्वारका में भगवान श्री कृष्णा का एक मंदिर है। एक भव्य रंग महेल, मंदिर के चारों ओर श्री कृष्ण की अष्ट पटरानियों के मंदिर रुकमणी, सत्यभामा, जामवंती, कालिंदी, मित्रविंदा, सत्या, भद्रा, लक्ष्मणा, श्री कृष्ण के प्रिय और पटरानियों की पटरानी महारानी राधाजी का मंदिर, शंख तलाव, पद्मेश्वर महादेव मंदिर, डांडी हनुमान मंदिर, 84 धूना, राम लक्ष्मण जानकी मंदिर, हजरत  सैयद हाजी दाऊद कर्माणि मस्जिद, गुरुद्वारा दर्शनीय है। जिसके दर्शन करने पर्यटन लाखों की तादात में उमड़ ते हैं।

• बेट द्वारिका की खासियत - Features Of Dwarka

बेट द्वारका प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर रमणीय नजारा जिसने श्री कृष्णण का मनमोहित कर लिया था। बेट द्वारका में 35 मैं से 25 किलोमीटर में जंगल और जड़ीबूटी की औषधियां पाई जाती थी। 600 से ज्यादा विभिन्न प्रकार की समुद्र की प्रजातियां, चारों ओर नीला समुंद्र किसी का भी मन मोहने के लिए काफी है। बेट द्वारका की चारों दिशाओं अलौकिक है।

• बेट द्वारका के उत्तर दिशा में से पद्म पाया जाताा है जो पूरे विश्व में केवल यहांं पर ही  पाया जाता है। (जो भगवान श्री कृष्ण की चतुर्भुज मूर्ति में एक हाथ में रखा है)

• बेट द्वारका की पूर्व दिशा समुद्र तट से पंचजन्य शंख पाए जाते हैं। जो पूरे विश्व में केवल यहां पर ही पाया जाता है। ( यह वही पंचजन्य शंख है जिसे भगवान श्रीकृष्ण कुरुक्षेत्र के मैदान में फूफा करते थे)

• बेट द्वारका की दक्षिण दिशा से उत्तम प्रकार की मोती पाए जाते हैं।

• बेट द्वारका कि पश्चिम और पूरे द्वारका में पाए जाने वाली अद्भुत और अलग  प्रकार की मरीन प्रजाति जो पूरे विश्व में केवल जहां पर ही देखने को मिलती है।


• द्वारका बीच शिवराजपुर बीच द्वारका के आकर्षित पर्यटक स्थल dwarka beach Shivarajpur Beach In Hindi 

द्वारका बीच प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर और अद्भुत नजारों के साथ शिवराजपुर बीच "ब्लू फ्लैग लिस्ट" मैं शामिल है।शिवराजपुर बीच क्लीयारिटी, ब्लू वॉटर, व्हाइट सैंड( रेती) और दरियाई प्रजाति स्कूबा डाइविंग के लिए देश-विदेश में प्रख्यात है। शिवराजपुर बीच दिन में कई बार अपना रंग बदलता है सूर्योदय और सूर्यास्त की किरने जब ब्लू वॉटर में अपना रंग बिखेर की है तब यह अद्भुत नजारा कभी ना भूलने वाला होता है द्वारका का यह बीच विश्व के सबसे खूबसूरत बीच में शामिल है। ( गुजरात और भारत का सबसे खूबसूरत बीच तो है ही)

यह बीच द्वारका से तकरीबन 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शिवराजपुर गांव के समीप बहुत बड़े क्षेत्र में फैला है। यह बीच पर पर्यटन वॉटर स्पोर्ट, स्कूबा ड्राइविंग, स्विमिंग, मोटर राइडिंग, हॉर्स राइडिंग, बोटिंग, यह बीच और यहां का समुद्र बिल्कुल शांत है इसलिए यहां पर पर्यटन टाइम स्पेंड कर सकते हैं। द्वारिका का यह बीच 2013 में लोगों के सामने आया इसीलिए यहां पर प्राकृतिक सुंदरता और शांति बरकरार है। शिवराजपुर बीच में पर्यटन को ध्यान में रखते हुए गुजरात टूरिज्म द्वारा पर्यटन को सभी सुविधाएं मुहैया कराती है।

Dwarka Beach Shivrajpur Beach
Dwarka Beach Shivrajpur Beach 

• गोमती घाट द्वारका के मशहूर घाट - Gomati Ghat Dwarka In Hindi 

गोमती घाट द्वारकाधीश मंदिर के दक्षिणी सिरे पर गोमती नदी और समुद्रा संगम पर चक्रतीर्थ घाट स्थित है। अरब सागर के समीप भगवान श्री समुद्रनारायण जी का मंदिर है। इस मंदिर के निकट पंचतीर्थ है यहां पर 5 कुआं मैं से स्नान करने की परंपरा है। कुछ पर्यटन और भक्त गोमती नदी मैं स्नान करके 56 सीढियां चढ़कर भगवान श्री द्वारकाधीश मंदिर का स्वर्ग द्वार से अंदर पहुंचकर भगवान श्री कृष्ण की दर्शन कर सकते हैं। 

दर्शन करने के बाद मंदिर की पूर्व दिशा में शंकराचार्य द्वारा स्थापित शारदा विद्यापीठ और द्वारका के दक्षिण दिशा में एक बहुत बड़ा गोमती तालाब है। इसीलिए द्वारका को गोमती द्वारका भी कहा जाता है। गोमती नदी के ऊपर बना सुदामा ब्रिज, अन्य देवी देवताओं के मंदिर, समुद्र और गोमती नदी का संगम दर्शनीय है। गोमती नदी के ऊपर श्रीकृष्ण के परम मित्र सुदामा के नाम पर एक बहुत बड़ा सुदामा ब्रिज बनवाया गया है ताकि श्रद्धालु इस पर चलकर गोमती नदी के उस पार जा सकते हैं। 

गोमती घाट के उस पार नदी के किनारे पर्यटन को घूमने फिरने के लिए और  सन सेट फोटोग्राफि के लिए यह स्थान उत्तम माना जाता है। शाम के समय पर्यटन को यहां पर टाइम बिताने के लिए नदी के किनारे कहीं सारी बेसिस भी  लगाई गई है।

Gomti Ghat Dwarka
गोमती घाट द्वारका Gomti Ghat Dwarka 

 • रुकमणी मंदिर द्वारका - Rukmani Temple Dwarka in Hindi

श्री कृष्ण की प्रिय रानी रुकमणी जी का मंदिर द्वारिका मंदिर से तकरीबन 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर तकरीबन 2500 साल पुराना है। मंदिर की बाहरी भाग पर बड़ी बारीकी से नक्काशी की गई है। इसमें मूर्तिकला और इत्यादि डिजाइनिंग, आधार पैनल पर गजानंद गजरात की मूर्तियां, देवी देवताओं की मूर्तियां और शिल्प कला का बेजोड़ नमूना है। 

इस मंदिर के पास सात तालाब है यह तालाबों रुकमणी व्याध के रूप में जाना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार यह जगह पर मनुष्य के पाप को दूर करती है और मानव जीवन को मुक्ति प्रदान करते हैं।

रुक्मणी का मंदिर भगवान श्री कृष्ण के मंदिर से 2 किलोमीटर दूर क्यों.. है। पुरानी कथाओं के अनुसार एक बार भगवान श्री कृष्ण और उनकी पत्नी रुक्मणी जी ने ऋषि दुर्वेशजी को खाने का आमंत्रण दीया तब ऋषि ने एक शर्त रखी और कहां की कृष्ण और रुक्मणी जी को अपना रथ किसी जानवर की बजाए अपने आप खींचना होगा, 

श्री कृष्ण और रुक्मणी जी जब रथ खींच रहे थे उसी दौरान रुकमणी जी को प्यास लगी और भगवान श्री कृष्ण ने धरती पर अपना पेड़ लगाया और पानी निकाला। तब रुकमणी जी ने ऋषि की बिना आज्ञा लिए पानी को पी लिया इसे देखकर ऋषि नाराज होकर शराब दिया और कहां कि तुम अपने प्रिय पति से दूर रहोगी इसी वजह से रुक्मणी जी का मंदिर श्री कृष्ण के मंदिर से इतना दूर है।


• द्वारका में अन्य देखने लायक और घूमने लायक दर्शनीय पर्यटन स्थल 

• नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर,  • गीता मंदिर, • निष्पाप कुंड, 

दुर्वासा और त्रिविक्रम मंदिर, • शारदा मठ, 

• हनुमान जी मंदिर,कुशेश्वर मंदिर, • चक्रतीर्थ, 

• गोपी तलाव, • कैलाश कुंड, • नागेश्वर मंदिर, • गीता     मंदिर,


• द्वारका घूमने जाने के लिए सबसे अच्छा समय क्या है। Best Time To Visit In Dwarika Dham Yatra In Hindi

द्वारका घूमने जाने का वैसे तो कोई फिक्स टाइम नहीं है द्वारका साल में कभी भी जा सकते है। लेकिन नवंबर से फरवरी के आखिरी तक जब शहर का मौसम ठंडा रहता है। अगर जन्माष्टमी का भव्य महोत्सव मैं शामिल होना चाहते हैं तो अगस्त और सितंबर के दौरान द्वारिका जाने के लिए सबसे अच्छा महीना है। पर्यटन मॉनसून में अगर द्वारिका यात्रा पर आते हैं तो वह बेट द्वारिका के दर्शन नहीं कर सकता है। क्योंकि मॉनसून में फेयरी पेट बंद रहते मौसम की वजह से

पर्यटन और भक्तों को ध्यान में रखते हुए गुजरात टूरिज्म द्वारा ओखा से बेट द्वारका तक अरब सागर में 2 लाइन ब्रिज क्या हो रहा है।


• द्वारका कैसे पहुंचें How To Reach Dwarka In Hindi

द्वारका पूछने के लिए फ्लाइट ट्रेन या सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। द्वारिका में रुकने के लिए काफी सारी होटल्स और मंदिर के नजदीक काफी सारी धर्मशालाएं मिल जाएगी यहां पर रुकने के लिए काफी सारी सुविधाएं अवेलेबल है।

हवाई मार्ग से द्वारका कैसे पहुंचें How To Reach Dwarika By Flight In Hindi

द्वारिका शहर का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा एयरपोर्ट जामनगर में स्थित है तो यहां से तकरीबन 145 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां पर मुंबई से एयर इंडिया फ्लाइट मिल जाएगी यहां से अटैक्सिया बस के द्वारा द्वारका पहुंच सकते हैं।

ट्रेन द्वारा द्वारका कैसे पहुंचें How To Reach Dwarka By Train In Hindi

द्वारका पश्चिमी रेलवे नेटवर्क में स्थित जामनगर रेलवे स्टेशन जंक्शन से जुड़ा हुआ है जो द्वारका से 132 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वीरमगाम से ओखा तक मीटर गेज ट्रक पर चलने वाली लगातार ट्रेन है यह ट्रेन द्वारका को पार करती है। अन्यथा अहमदाबाद से द्वारका तक ब्रॉड गेज रेलवे भी ले सकते हैं।


सड़क मार्ग द्वारा द्वारका कैसे पहुंचें How To Reach Dwarka By Road In Hindi

 द्वारका शहर को गुजरात राज्य परिवहन द्वारा विभिन्न बड़े-बड़े शहरों से अच्छी तरह सेे जुड़े़े हुए हे।गुजरात सड़क यात्रा सुंदर और आरामदायक है। गुजरात केेे किसी भी शहर से आपको गवर्नमेंट एवं प्राइवेट स्लिपर  डबल डेकर  उन लक्जरियस  वोल्वो बस मिल जाएगी अन्यथा पर्यटन  टैक्सी भी कर सकते हैं।


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