Osam hills Patanvav Gujarat | ओसम हिल पाटन वाव गुजरात

Osam Hills Tourist Places Patanvav Gujarat In Hindi :- ओसम हिल पाटनवाव गुजरात के घूमने लायक खूबसूरत प्राकृतिक पर्यटन स्थल है जो पाटनवाव गांव धोराजी से 23 किलोमीटर उपलेटा से 13 किलोमीटर और राजकोट शहर से तकरीबन 115 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पाटनवाव गांव में स्थित ओसम डूंगर ( पर्वत ) का महाभारत की कथाऔ मै उल्लेख मिलता है क्योंकि यह क्षेत्र का संबंध पांडवों के साथ जुड़ा हुआ है और यहां पर्वत भारत का एकलौता ऐसा पर्वत है जहां पर से  पेर्लाइट ( Perlite ) नामक वोल्कानिक ग्लास पाए जाते हैं। ओसम डूंगर प्राकृतिक सुंदरता के साथ साथ धार्मिक दर्शनीय स्थलो के लिए भी फेमस है। ओसम हिल्स पर चार खूबसूरत मंदिर मौजूद है। जिनमें से 2 मंदिर टपकेश्वर और भीमनाथ भगवान शिव जी के हैं। एक जैन मंदिर भगवान शांतिनाथ को समर्पित है और एक मंदिर माता माद्रीजी को समर्पित है। माद्री माता पांच पांडवों की माता थी जिनके बेटे सहदेव और निकुल थे। पूरे भारत में शायद ही माद्री माता जी का एक ऐसा लोता मंदिर है। ओसम पर्वत महाभारत के समय में मात्री माताजी छत्रेश्वरी माता जी के नाम से प्रचलित थे इस पर्वत की शिलाऐ बहुत ही खतरनाक हुआ करते थी। बहुत समय बाद इस पर्वत के कई चोटिया ओम आकार में परिवर्तित हो गई इससे उस पर्वत का नाम ओम+ सम- ऑसम पर्वत हो गया।

Osam Hills Station Gujarat
Osam Hills Station Gujarat 
प्राकृतिक सुंदरता की गोद में बसा ओसम हिल बारिश के मौसम में अधिक खूबसूरत हो जाता है। यहां पर पर्यटक घूमने और धार्मिक कार्यक्रम से भी आते हैं। मंदिर के बिल्कुल पास मैं ही एक खूबसूरत प्राकृतिक वॉटरफॉल्स मौजूद है जो केवल बारिश के मौसम में ही दिखाई देता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढियाँ मौजूद है जहां से पर्यटक आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
ओसम हिल स्टेशन के प्रांगण में से दो रास्ते बने हुए हैं एक पैदल यात्रियों के लिए और दूसरा सीढियाेँ वाला रास्ता है। एडवेंचर के शौकीन पर्यटक इस रास्ते से ट्रैकिंग करना पसंद करते हैं। ओसम हिल्स पर्वत 1 दिन के होलीडे ट्रिप के लिए और नेचर एडवेंचर कैंपिंग के लिए बेस्ट स्थान माना जाता है।
ओसम हिल्स की तरह पांच पांडव और महाभारत से जुड़ा स्थान साना डूंगर >>


• ओसम हिल के देखने और घूमने लायक खूबसूरत स्थान - Osam Hills Station Tourist places

ओसम हिल्स गुजरात के खूबसूरत हिल स्टेशन पर्यटन स्थलों में से एक है ओसम हिल प्राकृतिक खूबसूरती के गोद में बसा एक अद्भुत पर्यटन स्थल है। ओसम डूंगर का पूरा क्षेत्र महाभारत और पांच पांडवों के साथ जुड़ा हुआ है इसीलिए यहां पर ज्यादातर स्थान पांडु पुत्र भीम के नाम पर रखे हुए हैं। जो प्रख्यात है यहां के हिडिंबा के हीस्को, मात्री देवी मंदिर, भीमनाथ महादेव मंदिर, गोमुख गंगा, भीम की थाली, भीम का कोठा, भीमकुंड, चौरवेडों गुफा, गणेश गुफा इत्यादि पौराणिक गुफाओं देख सकते है।
टपकेश्वर महादेव मंदिर ओसम डूंगर की पहाड़ी गुफा मैं स्थित हैं। टपकेश्वर महादेव मंदिर की खासियत है कि मंदिर में विराजमान शिवलिंग पर कुदरती तरीके से हर समय
जलाभिषेक होता रहता है। ओसम डूंगर की वनस्पति जड़ों में से जल स्त्राव पहाड़ों को चीरते हुए शिवलिंग पर होता रहता है। और समय शिवलिंग पर पानी टपकने से टपकेश्वर महादेव नाम पड़ा है।

चौरवेडों गुफा पांच पांडवों के लिए छुपने की जगह हुआ करते थी। 14 वर्ष के वनवास दौरान पांडव पुत्र पांच पांडव द्रोपदी और माता कुंती इसी गुफा में छुपने और आसरा लेने के लिए निवास स्थान के रूप में उपयोग किया जाता था। इस गुफा को छिपा महेल के नाम से भी पहचाना जाता है गुफा के अंदर ओम ध्वनि का आभास होता है।ओसम हिल्स के क्षेत्र में कई सारी पुरानी गुफाएं पाई जाती है। जैसे कि गणेश गुफा चौरवेडों गुफा चोर की गुफाएं इत्यादि इन्हीं गुफाओं में आज ओसम हिल के प्रख्यात पेर्लाइट ( Perlite ) नामक वोल्कानिक ग्लास पाए जाते हैं। सारी गुफा में चमगादड़ का राज है।

Osam Hills Station Rajkot Gujarat
Osam Hills Station Gujarat 
मात्री माता मंदिर ऑसम पर्वत की देवी माता मात्रीजी पहाड़ की चट्टानी गुफा में स्थित है। माता मात्रीजी की मूर्ति अत्यंत खूबसूरत और दर्शनीय है। स्थान पर पर्यटक प्राकृतिक खूबसूरती के सानिध्य में माता के प्रसाद और दर्शन के आनंद ले सकते हैं।
गोमुख गंगा मात्री माता जी के नजदीक में गोमुख गंगा नामक एक स्थान मौजूद है। जहां पर पहाड़ी चट्टान में एक पत्थर में कुंड बना हुआ है उस कुंड में गौ माता के मुख से सतत जल स्त्राव होता रहता है यह पानी कहां से आता है यहां एक कुतूहल विषय है।
भीम की थाली यह स्थान पौराणिक समय से इस क्षेत्र में पर्यटकों को आकर्षित करता है एक मलवा पत्थर पर डिशनुमा आकार में एक विशाल थाली बनी हुई है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पांडु पुत्र भीम इस थाली में भोजन किया करते थे
भीमकुंड ओसम हिल स्टेशन में हिल्स के ऊपर एक खूबसूरत भीमकुंड मौजूद है। जिसमें पांडव पुत्रौ को स्नान करने का स्थान है। इसके अलावा ओसम हिल पर्वत क्षेत्र मैं हिडिंबा का हिसका, पानी कोटा, भीम कोठा इत्यादि

मौसम हिल्स में पर्यटक प्राकृतिक खूबसूरत शांत माहौल में ट्रैकिंग, नेचर और एडवेंचर कैंपिंग, पिकनिक, वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी, वनभोजन, जिनालय, मंदिर और यहां का प्रख्यात खूबसूरत सूर्यास्त सूर्योदय और विविध पुरानी गुफाएं तालाब, झरने, कुंड देखने का आनंद ले सकते हैं।

• ओसम डूंगर घूमने का बेस्ट समय - Best Time To Visit In Osam Hills

ओसम हिल्स मैं वैसे तो साल में कभी भी घूमने जा सकते हैं। लेकिन प्राकृतिक प्रेमियों के लिए असम हिल्स वर्षा ऋतु के बाद किसी जन्नत से कम नहीं है। ओसम हिल्स वर्षा ऋतु मैं और वर्षा ऋतु के बाद का समय बेस्ट माना जाता है। क्योंकि उस समय के दौरान यहां पर हरियाली चारो और बिक्री हुई होती है। दूर-दूर तक फैले हरे-भरे जंगल और घास के मैदान बड़े-बड़े पहाड़ों की चट्टाने और बहुत बड़े क्षेत्र मैं फैला ऑसम हिल स्टेशन की खूबसूरती अद्भुत है। पतझड़ ऋतु में ओसम हिल पर्वत श्रुंखला का नजारा कुछ अलग हो जाता है लेकिन कुछ समय के बाद पतझड़ ऋतु जाते जाते हैं पूरा इलाका हरा भरा और खूबसूरत हो जाता है।


• ओसम पर्वत कैसे पहुंचे - How To Reach In Osam Hills

ऑसम हिल स्टेशन पहुंचने के लिए जूनागढ़ राजकोट और अन्य शहरों से आसानी से पहुंच सकते हैं। पर्यटक को राजकोट, जूनागढ़, जेतपुर से पाटन वाव गांव के लिए गवर्नमेंट बस आराम से मिल सकती है। लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए सबसे बेस्ट ऑप्शन है कार या फिर बाइक से यहां तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
धोराजी शहर से 23 किलोमीटर, जूनागढ़ से 60 किलोमीटर, राजकोट से 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ओसम हिल स्टेशन के नजदीकी खूबसूरत पर्यटन स्थल जूनागढ़, राजकोट, उपलेटा, धोराजी, वीरपुर, परब धाम भी घूमने जा सकते हैं।

• ओसम हिल पर्वत का इतिहास - Osam Hills History

पौराणिक कथाओं और वेद पुराणों के अनुसार ओसम हिल का पूरा क्षेत्र महाभारत और पांच पांडवों के साथ सबंध जु,ड़ा हुआ है। ऑसम हिल्स क्षेत्र में पांडू पुत्र पांच पांडव 14 वर्ष के वनवास दौरान कुछ समय इस क्षेत्र में रुके थे। जिसके अवशेष आज भी इस क्षेत्र में पाए जाते हैं जैसे की भीम की थाली, हिडिंबा का हिसका, भीम कोटा, भीमकुंड,
चौरवेडों गुफा, गणेश गुफा इत्यादि पौराणिक गुफाएं,भीमनाथ महादेव मंदिर, मात्री माता मंदिर, टपकेश्वर महादेव मंदिर ओसम पर्वत महाभारत के समय में मात्री माताजी छत्रेश्वरी माता जी के नाम से प्रचलित थे।
इस क्षेत्र को पुराने समय में माखनिया डूंगर, हिडिंबा का हिसका, हिडिंबा वन, इत्यादि नामों से प्रचलित थे।



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