Somnath Mahadev Temple In Hindi सोमनाथ महादेव मंदिर गुजरात हिंदी ।

Somnath Temple Tourist Places In Hindi :- सोमनाथ महादेव मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से प्रथम स्थान पर माना जाता है। सोमनाथ महादेव मंदिर भारत के गुजरात राज्य मे सौराष्ट्र क्षेत्र के गिर सोमनाथ जिल्ले में स्थित है। सोमनाथ महादेव मंदिर अरब सागर के किनारे खुला समुद्रतट पर खिलखिलाती लहरों की आवाज और ठंडी हवा के संग समुद्र के किनारे चालुक्य शैली में बना भव्य सोमनाथ मंदिर का नजारा देखते ही बनता है।

सोमनाथ महादेव मंदिर में अनेक श्रद्धालु हर रोज भगवान सोमनाथ दादा के दर्शन करने आते हैं। मंदिर के पास खूबसूरत समुद्र तट है यहां पर पर्यटक खूबसूरत समुद्र किनारे घूमने के साथ-सथ हॉर्स राइडिंग, कैमल राइडिंग, वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी का आनंद लेते हैं। इस खूबसूरत समुद्र तट के पास बड़ा सा सामुद्रिक सीज वस्तुए और हैंडीक्राफ्ट का अद्भुत बाजार लगता है जहां से आप चाहे तो शंख मोती सीप जैसे सामुद्रिक वस्तुओं से बनी डिजाइनिंग चीज वस्तु खरीद सकते हैं।

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सोमनाथ पहुंचते ही सबसे पहले हमीर सिंह गोहिल की  (प्रतिमा) वेगड़ा भील, अनेक वीर पुत्र के पालिया और सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा जो मंदिर के बिल्कुल सामने  यह सभी प्रतिमा शौर्य गाथा बयां करते है।
 सन् 1970 में राजा जाम साहिब दिग्विजय सिंह की याद में उनकी पत्नी ने यहां पर दिग्विजय द्वार बनवाया गया था।
• सोमनाथ मंदिर के पास एक खंभा है( तेजोमाई मार्ग ) जिसमें तीर से दर्शाया है की सोमनाथ मंदिर और दक्षिणी ध्रुव के बीच कोई भी भूभाग नहीं है।
• यहां पर चैत्र.भादरा और कार्तिके मास में  यहां पर श्राद्ध करने का विशेष महत्व है। यहां पर तीन नदिया हिरण.कपिला.सरस्वती का महासंगम होता है( त्रिवेणी संगम) जहां पर भगवान श्री कृष्ण ने अपने यदुवंशियों की अस्थियां त्रिवेणी संगम मैं विसर्जन की थी। 
 • सोमनाथ में मेले का आयोजन सोमनाथ मंदिर के निर्माण के दिन, श्रावण मास में, महाशिवरात्रि और  कार्तिकी पूर्णिमा के दिन यहां पर भव्य मेले का आयोजन होता है।


• आजादी के बाद का खूबसूरत सोमनाथ मंदिर - New Beautifull Somnath Temple 

  • देश आजाद होने के बाद 13नवंबर 1947 के दिन सरदार वल्लभभाई पटेल, जामसाहेब दिग्विजय सिंह सौराष्ट्र के मुख्यमंत्री उससंग राई ढेबर, कन्हैयालाल मुंशी, काकासाहेब कालेकर इस मंदिर के अवशेषों देखने आए थे। तब सरदार वल्लभभाई पटेल को मंदिर की यह हालत देखी नहीं गए मंदिर की ऐसी हालत देखकर उसने संकल्प लिया था कि मंदिर को हम वापस बनाएंगे।
  • हाल में जो मंदिर है इसका ख्वाब सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देखा था उसके बाद ओ काम कन्हैयालाल मुंशी को सौंप दिया गया। सन् 8 में 1950  के दिन राजा दिग्विजय सिंह ने इस मंदिर की प्रथम आधारशिला स्थापित की 11 में 1951 भारत के पहले राष्ट्रपति द्वारा शिवलिंग की स्थापना की गई 1962 में मंदिर पुरी तरह से बनकर तैयार हो गया और निर्माण कार्य की परिकल्पना श्री प्रभा शंकर सोमपुरा ने की थी।
  • सोमनाथ मंदिर कि लंबाई 155 फिट है।
  • मंदिर के अभयारण्य (गर्भगृह)में एक मंजिल और शिखर में 7 मंजिले है। मंदिर के नृत्यमंडप और सभागार तीन तीन मंजिल के हैं इसके आखरी मंजिल पर 1,000 जितनी छोटी-छोटी झुरिया बनवाए है।
  • अभयारण्य (गर्भग्रह) का कुल वजन 10 टन है, और नित्य मंडप खेसारी और छोटे-छोटे शिखर बनाए गए हैं।
  • मंदिर के कुल 72 खंभे है 800 साल के बाद यह मंदिर चालुक्य में बनाया गया है।
  • सोमनाथ मंदिर आज भारत की शौर्य गाथा और वैभव की शान है।
Somnath temple all information and history
Somnath Temple 

आरती का समय सुबह 7:00 बजे और दोपहर 12:00 बजे
शाम को 7:00 बजे, दर्शन करने का समय सुबह 6:00 से रात को 9:30 बजे तक


• सोमनाथ मंदिर का इतिहास - Somnath Temple History In Hindi 

  • तयुग में सोमराजा यानी के चंद्र भगवान ने सोमनाथ मंदिर सोने का बनवाया था। इसलिए इस मंदिर को सोमनाथ कहते हैं।
  • त्रेता युग में दशानन रावण ने सोमनाथ मंदिर चांदी का बनवाया था। क्योंकि दशानन रावण एक महान शिव भक्त था।
  • द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने सोमनाथ मंदिर को चंदन के लकड़ियों से बनवाया था आज भी उसके सबूत मिलते हैं प्रभास पाटन में।
  • इ.स 649 में वल्लभी के मैत्र के राजाओं द्वारा इस मंदिर के मरम्मत करवाई थी।
  • इ.स 725मैं सिंधप्रांत के मुस्लिम सूबेदार अल जुनैद ने इस मंदिर को तोड़ गिराया था।  लेकिन इतिहास में इसके कोई सबूत नहीं मिलते हैं।
  • इसके बाद लगभग 851 मैं प्रतिहार वंश के राजा नागभट्ट द्वारा इस मंदिर की मरम्मत और मंदिर को लाल पत्थर का बनवाया था।
  • मोहम्मद गजनबी कितनी बार नाकाम रहा था और खाली हाथ लौटा था अफगान।
  • उसके बाद इसवी सन् 1024 मैं मोहम्मद गजनबी ने 5000 सिपाही के साथ सोमनाथ मंदिर पर चढ़ाई की थी   तब कितने सारे वीर योद्धा इसमें शहीद हो गए थे तब लाठी के अमिर सिंह गोहिल शादी के दिन ही शहीद हुए थे तब न जाने कितने राजाओं ने यहां पर अपना बलिदान दिया था।  गांव के नियतथे लोग  मंदिर को  बचाने आए थे आज भी उस सबकी मूर्तियां एवं पालिया देखने को मिलेंगे सोमनाथ में आज भी मौजूद है।
  • मोहम्मद गजनबी सोमनाथ से हीरे, जेवरात, सोनू ,चांदी, नीलमणि, एवं बहुमूल्य रत्न लूटने के बाद इस मंदिर को आग लगा दी थी। 
  • मोहम्मद गजनबी मंदिर को लूटने के बाद गुजरात के राजा भीमदेव और मालवा के राजा भोज ने इस  मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था।
  • सन 1093 मैं सिद्धराज जयसिंह ने भी मंदिर निर्माण में सहयोग दिया।
  • 1168 मैं विजयेश्वर कुमारपाल और सौराष्ट्र के राजा रा खेंगार ने सोमनाथ मंदिर के सौंदर्यकरण मैं योगदान किया था। 
  • सन 1297 मैं जब दिल्ली सल्तनत सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति नुसरत खाने गुजरात पर हमला किया तो उसने सोमनाथ मंदिर को दुबारा तोड़ दिया। और मंदिर की सारी संपदा लूट कर चला गया इसके बाद हिंदु राजाओं ने फिर से सोमनाथ मंदिर का निर्माण करवाया 
  • सन 1395 मैं गुजरात के सुल्तान मुसाफिरशा ने मंदिर को फिर से लूट कर सारा चढ़ावा ले गया और बाद में उसके बेटे ने भी यही किया
  • बाद में मुस्लिम बादशाह औरंगजेब के काल में सोमनाथ को दो बार लूटा गया।  दूसरी बार औरंगजेब ने कत्लेआम करवाया
  • जब भारत का बड़ा हिस्सा मराठा साम्राज्य अधिकार के नीचे आ गया तब इंदौर की रानी अहिल्याबाई द्वारा मूल मंदिर से कुशी दूरी पर पूजा अर्चना करने के लिए एक और सोमनाथ मंदिर बनवाया गया जो आज भी है।
  • भारत के आजादी के बाद सोमनाथ मंदिर को 1 दिसंबर 1995 को भारत के राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा ने इसे राष्ट्र को समर्पित कर दिया।
  • आज भी इस मंदिर का कुछ ना कुछ नवीनीकरण होता रहता है। आज सोमनाथ मंदिर सोमनाथ ट्रस्ट के देखरेख में  है।


• सोमनाथ के नजदीकी तीर्थ स्थल और पर्यटन स्थल - Nearby Pilgrimage Sites And Tourist Places 

सोमनाथ मंदिर के आसपास कई सारे धार्मिक एवं प्राकृतिक पर्यटन स्थल मौजूद है अगर आप सोमनाथ मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं तो यहां के नजदीकी पर्यटन स्थल पर अवश्य घूमने जाएं

• भालका तीर्थ - bhalkatirth Tourist Places 
 भालकातीर्थ सोमनाथ ट्रस्ट की देखरेख कि नीचे आता है।
जब श्री कृष्णा अपने यदुवंशियों की अस्थियां यहां के त्रिवेणी संगम में विसर्जन करने आए तब ओ एक पीपल के पेड़ के नीचे थोड़ी देर विश्राम करने के लिए रुके तब एक शिकारी ने श्री कृष्ण को हिरण समझकर कर तीर मार दिया तीर को भला भी कहते है। तब से इस क्षेत्र को भालकातीर्थ नाम से जाना जाता है।
भालकातीर्थ जहां पर भगवान श्री कृष्ण ने अपने रासलीला समाप्त की थी
• दीव - Diu Island 
दीव का नजारा जन्नत से कम नहीं है। दिव भारत का एक केंद्रशासित प्रदेश है।
दिव को अरब सागर का मोती भी कहते हैं।
दिव में घूमने लायक स्थान 1नागोवा बीच2नोएडा 
केउस3 दिवम्यूजियम4 पानीकोटा5 दिन की जेल6सर्च इत्यादि
•तुलसीश्याम - Tulsishyam 
तुलसीश्याम गिर के जंगल में उना से30 किलोमीटर दूर है।
तुलसीश्याम प्रकृति प्रेमी के लिए एकदम बेस्ट स्थल है। भगवान श्री कृष्ण ने तुलसीश्याम मैं प्रकृति को दोनों हाथों से बिखेरी है।
तुलसीश्याम में जंगल नदिया झरना और वन्य जीव आपको देखने मिलेंगे।
तुलसीश्याम एक रहस्यमई स्थान है। जहां पर मैग्नेटिक हिल्स,गरम पानी के कुंड,और पत्थर से नगाड़ा बजने जैसी आवाज और भीमसाह इत्यादि।
•द्वारिका - Dwarika 
द्वारिका यानी कि भगवान श्री कृष्ण की नगरी द्वारिका रोजाना लाखों भक्तों आते हैं।
द्वारिका एक मंदिर समुद्र किनारे स्थित है। और दूसरा बेट द्वारका है जो समुद्र के थोड़ी दूर है। जहां तक पहुंचने के लिए नाव का सहारा लिया जाता है।
सबसे पुराना मंदिर पानी में विलीन हो गया आज भी उसके अवशेष समुद्र के अंदर से मिलते हैं।
कहते हैं कि सोमनाथ पहले से ही बहुत धनवान मंदिरों में गिना जाता था। सोमनाथ में हीरे जवाहरात और पूरा मंदिर सोने का था।
इसी लालच के वजह से विदेशी लुटेरों ने सोमनाथ पर कहीं17बार आक्रमण किया फिर भी ज्योतिर्लिंग को कोई टच भी नहीं कर पाया।
सोमनाथ मंदिर अरब सागर के समुद्र किनारे स्थित है। सोमनाथ विश्व के मुख्य बंदरगाहों में गिना जाता था इसीलिए सोमनाथ बहुत प्रसिद्ध था।
कहते हैं कि पहले सोमनाथ मैं 1000 ब्राह्मण भगवान की सेवा में उपस्थित रहते थे। और 10000 गांव का चढ़ावा आता था। सोमनाथ में रोज गंगा नदी का जल और कश्मीर से कमल का फूल लाया जाता था।


• सोमनाथ में रुक ने और खाने की सुविधा - Lodging And Dining  Facilities 

• सोमनाथ रुकने की सुविधा सोमनाथ ट्रस्ट प्रोवाइड करवाते हैं यहां पर रुकने के लिए 400 से भी अधिक कमरे वाला गेस्ट हाउस गेस्ट हाउस है। याद तो अन्य सारी होटल पर आप रुक सकते हो।
• यहां पर खाने के लिए 5 से अधिक भोजनालय है जो सोमनाथ ट्रस्ट के अंतर्गत यात्रियों को स्वादिष्ट भोजन प्रोवाइड करवाता है।

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• सोमनाथ मंदिर कैसे पहुंचे - How To Reach In Somnath Temple 


• सड़क मार्ग:
सोमनाथ आने के लिए सरकारी एवंम प्राइवेट बस मिलेगी
दीव से  80 किलोमीटर
जूनागढ़ से 94 किलोमीटर
राजकोट से 197 किलोमीटर
अहमदाबाद से 410 किलोमीटर
या तो अन्य कोई व्हीकल करवा सकते हो

• रेलवे मार्ग:
यहां से सबसे नजदीक में सोमनाथ जंक्शन वेरावल जंक्शन और जूनागढ़ इत्यादि है। जो अन्य बड़े शहरों से कनेक्ट है।
• हवाई मार्ग
यहां से सबसे नजदीक केशोद एयरपोर्ट है जहां मुंबई अहमदाबाद जामनगर राजकोट इत्यादि शहरों से फ्लाइट आती है। लेकिन इस एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी अच्छी नहीं है।
और दूसरा दीव एयरपोर्ट है जहां पर सिर्फ मुंबई से ही फ्लाइट आती है एवरीडे 


 

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