Banswara Rajeshthan Tourist Place In Hindi बांसवाड़ा घूमने की जानकारी हिंदी में

राजेस्थान की रेगिस्तानी धरती पर बसा बांसवाड़ा प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर हरा-भरा पर्यटन स्थल है। बांसवाड़ा यानी कि "सिटी ऑफ हंड्रेड आईलैंड्स" ( Banswara city of hundreds islands ) राजस्थान का चेरापूंजी बांसवाड़ा,  सुनहरे द्वीपों का यह शहेर राजस्थान राज्य के दक्षिणी भाग में स्थित एक खूबसूरत शहेर है। बांसवाड़ा शहेर बांसवाड़ा जिले का मुख्यालय भी है जो समुद्र तल से तकरीबन 300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। पुराने समय में बांसवाड़ा राजसी राज्य और समृद्ध राजस्थान का 'लोधीकाशी' के नाम से भी जाना जाता है। जिस की नींव महारावल जगमाल सिंह ने रखी थी। बांसवाड़ा के इन इलाकों में बड़ी मात्रा में बांस के जंगल पाए जाते हैं इसीलिए इस क्षेत्र को बांसवाड़ा नाम मिला है। 

"सौ द्वीपों का शहेर" बांसवाड़ा मैं 'माही' नदी पर खूबसूरत द्वीप बड़ी संख्या में है। बांसवाड़ा क्षेत्र में घूमने के लिहाज से प्राकृतिक सौंदर्य के साथ कई सारे खूबसूरत झरने, झीले, नदिया, बांध, पौराणिक स्थान, दर्शनीय पुरातात्विक मंदिर, पुराने महेल, किल्ला, प्राकृतिक गुफा इत्यादि घूमने लायक पर्यटन स्थान है। और यहां के लोकल कल्चर स्थानीय मेले का आनंद ले सकते हैं।

बांसवाड़ा जिल्ले के प्रमुख आकर्षण चाचा कोटा, अरथुना, त्रिपुरा सुंदरी मंदिर, माही बांध, घोटीया अंबा, कांगड़ी पिक, अप मैप, घोटेश्वर महादेव, मंदरेश्वर शिव मंदिर और इस क्षेत्र के कुछ लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण हैं। वर्तमान समय में कुछ अन्य पर्यटन आकर्षण जैसे अब्दुल्ला पीर, आनंद सागर झील, भीमकुंड, अंदेश्वर जैन मंदिर, और छीछ ब्रह्मा मंदिर इत्यादि बांसवाड़ा जिले में शामिल हैं।

Banswara Rajeshthan
Banswara Rajeshthan 

बांसवाड़ा क्षेत्र के मूलनिवासी में भील, भील मीणा, दामोर, चापोर्ता, नीनामा के अलावा  अन्य प्रमुख जातियां  जैसे कि पटेल  राजपूत  ब्राह्मण और महाजन क्षेत्र में रहते हैं। यहां की लोकप्रिय स्थानीय भाषा वागडी है जो गुजराती और मेवाड़ी भाषा का एक मिश्रण है। 


• बांसवाड़ा के प्रमुख घूमने के पर्यटन स्थल - Banswara Tourist places In Hindi 


• चाचाकोटा खूबसूरत पर्यटन स्थल- Chha Chha Kota Tourist Attraction Banswara 

चाचा कोटा पर्यटन स्थल बांसवाड़ा जिल्ले का सबसे प्रसिद्ध आकर्षित स्थानों में से एक है। चाचा कोटा मैं सबसे सुंदर प्राकृतिक नजारा देखने को मिलता है। माही बांध के बैकवॉटर में दूर-दूर तक फैला माही नदी का पानी और पानी के अंदर सुंदर हरे-भरे कई सारे खूबसूरत टापू है। यह स्थान बांसवाड़ा शहेर से तकरीबन 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

यहां पर हर जगह पर पानी समुद्र तट की तरह दिखता है ऊंची-ऊंची पहाड़िया दूर-दूर तक फैली हरियाली दृष्टिकोण सड़क के किनारे हरे भरेेे पेड़ों से भरा रास्ता इस इलाके को सामूहिक रूप से सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थान बनाता है यहां पर हर साल देश-विदेश के पर्यटक प्रकृति को करीब से महसूस करने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी चाचा कोटा घूमने आते हैं। 

चाचा कोटा घूमने का सबसे बेस्ट समय वर्षा ऋतु या  वर्षा ऋतु के बाद का समय बेस्ट है। क्योंकि उस समय दौरान चाचा कोटा प्राकृतिक सौंदर्य से लगा हुआ होता है और यहां का माही बांध बैकवॉटर्स पूरी तरह से संपूर्ण होता है। अगर पर्यटक की किस्मत अच्छी रही तो माही बांध के 16 द्वार खुल्ले हुए अद्भुत पानी के फ्लोर का नजारा देख सकते हैं।

Chha Chha kota
चाचाकोटा बांसवाड़ा

माही बांध खूबसूरत पर्यटन आकर्षण - Mahi Dam Tourist Attraction 

माही बांध बांसवाड़ा शहर से तकरीबन 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। "माही बजाज सागर बांध" बांसवाड़ा जिले की जीवन रेखा है। माही बांध मैं 16 गेट के साथ राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा डैम है। बांध के वजह से इस क्षेत्र में कृषि और आर्थिक विकास का एक बड़ा स्रोत है। यह बांध कहींं सारी पहाड़ियों के बीच मैं बना है इसलिए माही बांध बैकवॉटर में जलमग्न रहता है।

इसलिए पूरे पानी में कई सारे छोटे बड़े द्वीपों का सुंदर दृश्य देखने को मिलता है। इसलिए इस जगह को "सौ द्वीपों का शहेर" भी कहा जाता है। वर्षा ऋतु के मौसम में इस बांध के सारे द्वार खुलते हैं तब यह क्षेत्र अद्भुत नजारा पेश करता है। बांसवाड़ा का यह खूबसूरत बांध पर्यटन के पसंदीदा स्थानों में से एक है।

माही नदी पर बना खूबसूरत "महाराणा प्रताप सेतु पुल" माही नदी पर सीधी रेखा में बना हुआ है। यह पुल तकरीबन 2 किलोमीटर लंबा है। महाराणा प्रताप सेतु पुल बांसवाड़ा और माधवपुर जोड़ता है। इस पुल पर ड्राइविंग करना रोमांचक सफर  के साथ  दूर-दूर तक फैले पानी  और प्राकृतिक  शांत माहौल में समय बिता सकते हैं। यहां पर पर्यटक राइटिंग फोटोग्राफी वीडियोग्राफी और खूबसूरत प्रे वेडिंग वीडियो बनाने के लिए प्रख्यात है।

Mahi dam
Mahi dam


आरथुना पुरातात्विक पर्यटन स्थल बांसवाड़ा - Arthuna Tourist Attraction In Hindi 

अरथुना बांसवाड़ा शहेर का दर्शनीय पुरातात्विक पर्यटन स्थल अत्यंत खूबसूरत और सदियों पुराना है। ऐतिहासिक और पुरातात्विक की मिसाल है परमार वंश कालीन अरथुना 9वीं से 12वीं सदी के बीच परमार शासकों की राजधानी रही है। इस क्षेत्र से कहीं प्राचीन मंदिर और मूर्तियां खुदाई के दौरान पाई गई है।  जिन्हें पुरातात्विक दृष्टि से बेशकीमती एवं दुर्लभ माना जाता है।
अरथुना पुरातात्विक और प्रकृति के प्रेमियों को यह स्थान अत्यंत प्रसन्न और दर्शनीय है।
वर्ष 1954 में पुरातात्विक विभाग ने इस संपूर्ण क्षेत्र की व्यापक खुदाई की जिसमें भारतीय पुरानी मूर्तियां और सुंदर कलाकारी वाले यह मंदिर का खजाना निकला है। यहां का प्रमुख आकर्षण का केंद्र है मंडलेश्वर शिवालय है। यहां पर इतने सारे पुरानी मूर्तियां और मंदिरों का निर्माण के पीछे का कारण है कि पहले के समय में पुंडरीक नामक राजा प्रतिदिन एक मंदिर की नींव रखने के बाद ही भोजन करता था।  इसी प्रण के कारण इस क्षेत्र में मंदिरों का विशाल समूह बन गया हैै। 
अरथुना क्षेत्र चारों ओर हरियाली से लथपथ अत्यंत प्राकृतिक सुंदर और खूबसूरत पौराणिक प्राकृतिक कला का एक समूह है जिसे देखने देश-विदेश से पर्यटक यहां पर खींचे चले आते हैं। अरथुना में पौराणिक सभ्यता के अनुसार वास्तु कला एवं शिल्प कला का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है।
अरथुना में स्थित छोटे-बड़े अद्भुत मंदिर और यहां के हरियाली के बीच पर्यटक यहां पर वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी के साथ  इस दर्शनीय स्थान पर शांति के माहौल में समय बिता सकते हैं।
अरथुना बांसवाड़ा राजस्थान
अरथुना


बांसवाड़ा के दर्शनीय स्थल त्रिपुरा सुंदरी मंदिर - Tourist Places In Banswara Tripura Sundari Temple 


त्रिपुरा सुंदरी मंदिर बांसवाड़ा शहर से तकरीबन 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जो 52 शक्तिपीठो मैं से एक यह दर्शनीय त्रिपुरा सुंदरी मंदिर है जो त्रिपुरा सुंदरी देवी को समर्पित है। जिसे "माता तीरटिया" के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर सम्राट कनिष्क से पूर्व स्थापित त्रिपुरा प्राचीन समय में गढ़ पोल महानगर था। तब  इस नगर में तीन दुर्ग थे शिवपुरी, सीतापुरी, विष्णुपुरी, हुआ करता था।

गुजरात, मालवा एवं मारवाड़ के राजा त्रिपुरा के महा उपासक थे। 11वीं से 12वीं शताब्दी में गुजरात के सम्राट सिद्धराज जयसिंह, मालवा के विक्रमादित्य, जगदेव तथा मारवाड़ के जोधपुर राजवंशी त्रिपुरा सुंदरी माता का पूजक रहे थे।

आज  यह मंदिर धार्मिक महत्ता का विश्व्व विख्यात है। त्रिपुरा सुंदरी मंदिर का मुख्य दर्शनीय और यहां का आकर्षण माता की भव्य अद्भुत मूर्ति है। मूर्ति की अठारह हाथों में विभिन्न हथियारों के साथ शेर की सवारी किए हुए मंदिर में विराजमान है। मूर्ति के पास 52 भैरव और 64 योगियों की छोटी मूर्तियां है।  सरकार ने इस क्षेत्र को बड़े पैमाने पर नवीनीकरण और सुशोभीकरन करवाया है। 

त्रिपुरा सुंदरी मंदिर वागड़ क्षेत्र तीर्थ यात्रा का सबसे प्रसिद्ध स्थानों में से एक है। इस दर्शनीय स्थान पर देश विदेश से पर्यटक पूजा अर्चना और दर्शन करने के लिए पर्यटक का मेला रहता है।

Tripura Sundri Temple
Tripura Sundri Temple 

श्री गढ़ राजमहेल खूबसूरत पर्यटन स्थल - Shree Gadh Rajmahel Tourist Attraction In Banswara 

बांसवाड़ा में स्थित श्री गढ़ राजमहेल अत्यंत खूबसूरत और काफी पुराना है।आधा किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में पसरा यह खूबसूरत महल तकरीबन 500 साल से अधिक पुराना बांसवाड़ा शहर के  गौरव का प्रतीक है। 
श्री गढ़ महल का निर्माण वर्ष 1530 में बांसवाड़ा रियासत के तत्कालीन महाराज  रावल जगमाल सिंह ने करवाया है। आजादी के बाद महारावल चंद्रवीर सिंह ने इस महल का नाम श्री राज मंदिर कर दिया था। महल के पास स्थित क्लॉक टावर में कड़ी को स्थापित किया गया था। यह पूरा महल 7 मंजिला इमारत है। इस महल में तकरीबन 50 से अधिक अलग-अलग अपरमेंट मौजूद है।
इस महल के कुछ हिस्सों में आज भी राजवंश के पूर्वज का  निवास स्थान है इसीलिए पर्यटक अगर यहां पर घूमना चाहे तो महेल के कुछ ही जगह पर घूम सकते हैं। यह पूरा महल लाइटों से सजाया गया है जिससे रात में देखना एक अद्भुत नजारा पेस करता है।
यहां पर पर्यटक फोटोग्राफी वीडियोग्राफी और ड्रोन शूटिंग का आनंद ले सकते हैं अगर आपको पुराने मेहलो और पुरातात्विक में इंटरेस्ट है तो यह जगह आपके लिए खास है।
Sree Gadh Rajmahel
श्री गढ़ राजमहेल

मानगढ़ धाम एक मिनी जलियावाला बाग - Mangad Dham Is A Mini Jallianwala Bagh

बांसवाड़ा के मानगढ़ पहाड़ी पर सन 1913 में समाज सुधारक गोविंद गिरी एवं पंजा के नेतृत्व में कुछ भीलो के साथ सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। लेकिन उनकेे विद्रोह को दबा दिया गया था, पर फिर भी मानगढ़ पहाड़ी पर  शांतिपूर्ण बैठक कर रहे सैकड़ों भीलो को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटनाा को मिनी जलियांवाला बाग नरसंहार के रूप में जानी जाती है। मानगढ़ पहाड़ी पर जिस जगह पर यह घटना घटित हुई वह स्थान पवित्र बन गया और अब मानगढ़ धाम के नाम से जाना चाहता है जिसे पर्यटक मिनी जलियांवाला बाग के नाम से जानते हैं।

ऐसे ही एक जगह गुजरात के पोलो फॉरेस्ट के जंगलों में स्थित है जहां पर 1200 जितने स्थानीय स्वतंत्र सेनानी भीलो (आदिवासी) को इसी तरह अंग्रेजों द्वारा गोली मारकर हत्या करवा दी गई थी उसी जगह पर भारत सरकार द्वारा भील वीर सपूतों के श्रद्धांजलि के लिए स्मारक बनवाया गया है।

Mangadh Dham Banswara
Mangadh Dham Banswara 


गोठी आंबा तीर्थ स्थल (घोटीया आबां) - Gothiya Amba Tourist Attraction In Banswara 

बांसवाड़ा शहेर से तकरीबन 32 किलोमीटर दूर हरा-भरा जंगलों और पहाड़ियों के गोद में घोटिया आंबा का यह क्षेत्र महाभारत कालीन माना जाता है। इस क्षेत्र में  महाभारत कालीन कई सारे प्रसिद्ध मंदिर, गुफाएं, झरने, कुंड और पेड़ मौजूद है। महाभारत काल मैं पांडव वनवास दरमियान पांडव यहां पर कुछ समय छिप कर रहे थे। यहां पर स्थित आम के पेड़ पांडवों द्वारा लगाए गए है स्थानीय लोग को पूरा विश्वास है। इसीलिए इस क्षेत्र को घोटिया अंबा के नाम से जाना जाता है। यहां पांडवों के कुंड तथा घोटेश्वर महादेव के मंदिर में कुंती द्रोपदी एवं पांच पांडवों की मूर्तियां स्थापित है।
घोटेश्वर महादेव मंदिर से तकरीबन 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित "केलापानी" नामक स्थान मौजूद है जहां पर पांडवों ने श्री कृष्ण की मदद से 88 हजार ऋषियो और संतों को केले के पत्ते पर खाना खिलाया था। इंद्र द्वारा पसंद गुठली को पांडवों ने यहां पर रोपा है।  यहां प्राकृतिक झरने से गोमुख में होते हुए पानी हर समय शिवलिंग पर पानी गिरता रहता है।
हर साल इस क्षेत्र में हिंदू माह चैत्र मास में एक विशाल मेले का आयोजन होता है। तीर्थयात्रियों मेले और कुंड में स्नान करने का आनंद लेते हैं। इस मेले में दूर-दूर से तीर्थयात्रियों आते हैं। जैसे कि गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश इत्यादि क्षेत्र से आते हैं।  जिसमें होती कहां से यहां के स्थानीय आदिवासी होते हैं।
Gothiya Amba
Gothiya Amba 

शहेर की शान कागडी पिकअप - Kangdi Pickup Tourist Places In Hindi 

कांगड़ी पिकअप बांसवाड़ा शहेर मुख्यालय से तकरीबन 3 किलोमीटर की दूरी पर शहेर के पूर्वी हिस्से में रतलाम रोड पर स्थित यह एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है।
कांगड़ी पिकअप मेड के मुख्य आकर्षण स्थान है यहां के सुंदर उद्यान, कुंवारे, गार्डन, साईबाबा मंदिर, और कांगड़ी पिकअप पानी के एक बड़े क्षेत्र में फैलाव है सब मिलकर एक हॉटस्पॉट बनाता है जो एक अद्भुत नजारा पेश करता है।
कांगड़ी पिकअप पंछी प्रेमीयो के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। क्योंकि यहां पर देश विदेश से कई सारे खूबसूरत विभिन्न देसी और विदेशी पंछियों देख सकते हैं। यह क्षेत्र पंछियों के लिए राजस्थान का बेस्ट स्थान माना गया है।
चारों तरफ पानी और हरियाली से लता कांगड़ी पिक पंछियों एवं एडवेंचर के लिए पसंदीदा स्थानों में से एक है यहां पर पर्यटक खूबसूरत शांत माहौल में वीडियोग्राफी फोटोग्राफी और सन सेट, सनराइज का मजा ले सकते हैं। 
किनारे पर स्थित सफेद मार्बल से बना अद्भुत डिजाइन के साथ साईं बाबा का मंदिर दर्शनीय है।
इसके अतिरिक्त बांसवाड़ा शहर के आसपास घूमने लायक कई सारे आकर्षक और दर्शनीय स्थल मौजूद है जैसे कि जुआ फॉल्स, सिंगपुर झरना, मंगलेश्वर, भवनपुरा भैरवजी, श्री सिद्धिविनायक, सूर्य मंदिर तलवाड़, अब्दुल्ला पीर दरगाह, इत्यादि बहुत प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण स्थान है।
Kangdi pickup Banswara
Kangdi Pickup 

बांसवाड़ा घूमने का सही समय - Best Time To Visit In Banswara 

बांसवाड़ा की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का माना जाता है। वर्षा ऋतु के बाद बांसवाड़ा पूरी तरह से हरियाली से लखपत हो जाता है इसलिए यहां पर वर्षा ऋतु में यहां वर्षा ऋतु के बाद घूमना सही रहेगा क्योंकि राजस्थान राज्य रेगिस्तानी पाने की वजह से यहां पर गर्मियों के समय में घूमना उचित नहीं है। नवंबर से फरवरी तक यहां पर ठंड रहती है इसीलिए पर्यटक उस दौरान बांसवाड़ा की यात्रा कर सकते हैं।

बांसवाड़ा तक कैसे पहुंचे - How To Reach In Banswara 

सड़क द्वारा :-  सड़क मार्ग द्वारा बांसवाड़ा पहुंचने के लिए सरकारी बसें दिल्ली, जयपुर, भरतपुर, डूंगरपुर,  रतलाम, दाहोद और मुंबई से बांसवाड़ा तक पहुंचने के लिए  सरकारी एवं प्राइवेट वोल्वो बस से उपलबंध है। अन्यथा यात्री अपना पर्सनल व्हीकल लेकर भी आसानी से पहुंच सकते हैं।

ट्रेन द्वारा :- ट्रेन मार्ग द्वारा बांसवाड़ा पहुंचने के लिए यहां का सबसे निकटतम जंक्शन है। रतलाम स्टेशन तो यहां से तकरीबन 77 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

वायु द्वारा :- बांसवाड़ा वायु मार्ग द्वारा पहुंचने के लिए यहां का सबसे निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर हवाई अड्डा है जो बांसवाड़ा से तकरीबन 157 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।  यहां से यात्री सरकारी एवं प्राइवेट व्हीकल द्वारा बांसवाड़ा पहुंच सकते हैं।

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